Saturday, May 4th, 2024

आत्मनिर्भर MP बनाने प्रोफेसरों ने तैयार किए सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स

भोपाल
आत्मनिर्भर भारत के बाद आत्मनिर्भर मप्र बनाने की जिम्मेदारी प्रदेश के 100 कालेजों के प्रोफेसरों को दी गई है। उन्हें सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स बनाने हैं, जिनका अध्ययन करने के बाद विद्यार्थी रोजगार अर्जन कर पाएंगे। अभी तक उच्च शिक्षा विभागा को करीब 70 कोर्स ही मिल सके हैं। इसलिए विभाग ने 31 मार्च तक कोर्स तैयार करने की तिथि बढा दी है।

मप्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राजधानी के आधा दर्जन सहित सूबे के एक सैकडा कालेजों को चिंहित किया गया है। अभी तक करीब 70 प्रोफेसरों ने मप्र को आत्मनिर्भर मप्र बनाने के लिए छह माह का सर्टिफिकेट और एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स डिजाईन कर विभाग को भेज दिए हैं। अभी कुछ प्रोफेसर को कोर्स डिजाईन करने में वक्त लग रहा है। इसकी सूचना विभाग को भेजी गई है। इसके चलते विभाग ने कोर्स के प्रस्ताव को जमा करने की अंतिम तिथि बढाकर 31 मार्च कर दी है। इससे नये कोर्स की संख्या करीब 100 तक पहुंच सकती है। सभी प्रस्ताव आने के बाद विभाग उनकी स्कू्रटनी करेगा। इसमें से चयनित कोर्स को कालेजों में अध्ययन कराकर विद्यार्थियों को अत्मनिर्भर बनाया जाएगा।

सेल्फ फायनेंस में चलेंगे कोर्स
विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने वाले छह माह के सर्टिफिकेट औ एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स कालेजों में सिर्फ सेल्फ फायनेंस में पढाए जाएंगे। उन्हें अध्ययन कराने के लिए प्राचार्यों को आत्मनिर्भर रहते हुए शिक्षकों की व्यवस्था कराना होगी। उनके लिए विभाग की तरफ से कोई आर्थिक सहयोग प्रदान नहीं होगा।

आगामी सत्र से शुरू होगी आत्मनिर्भर पर तरासना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आदेश के तहत विभाग आगामी सत्र 2021-22 में ही आत्मनिर्भर सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स की पढाई शुरू कराएगा। इसके लिए सिलेबस भी तैयार हो रहे हैं। उनमें प्रवेश लेकर विद्यार्थी छह माह और एक साल की पढाई करने के बाद रोजगार हासिल कर सकेंगे।

वर्जन
आत्मनिर्भर मप्र बनाने के लिए कालेजों में पढाई करने के लिए निर्देशित किया गया है। कोर्स का अध्ययन करने के बाद विद्यार्थी रोजगार हासिल कर सकेंगे।
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री

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